सोमवार, 29 जून 2020

समृद्धि युक्त जीवन

"देवा वृधाय हूमहे ।" (ऋग्वेद ८/८३/६)

सन्मार्ग पर चलते हुए हम प्रभु को ही समृद्धि के लिए पुकारते हैं ।

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